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हिंदी दिवस प्रतियोगिता


आओ अभिमन्यु आज तुम्हें
युद्ध की भूमि बुलाती है
क्षत्रिय जीवन में ये बारी
भारी सौभाग्य से आती है।

आज तुम्हारे पिता युध्द में
चक्रव्यूह से दूर बहुत हैं
और शत्रु पक्ष के योद्धा 
अवसरवादी क्रूर बहुत हैं।

तुम परिवार की अंतिम आशा
हो ये तुमको भी ज्ञात है
किंतु चक्रव्यूह से आने की
विद्या से तू अज्ञात है।

आज तुम अपनी माता के
दूध का ऋण चुका देना
कौरव सेना में जाकर
भीषण कोहराम मचा देना।

हाथ उठा कर प्रण करना
संग्राम विकट भीषण करना
शत्रु भी हार मान ले अपनी
ऐसा अद्भुत रण करना।

हिंदी दिवस प्रतियोगिता हेतु




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4 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन

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Alfia alima

07-Sep-2022 03:20 PM

Shaandar

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Pratikhya Priyadarshini

06-Sep-2022 11:39 PM

Bhut khoob 💐👍

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Anshumandwivedi426

07-Sep-2022 06:36 AM

सादर धन्यवाद

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